जय बाबा बैजनाथ

भारत का पहला मंदिर जो अंग्रेजों ने जीर्णोद्धार करवाया था।

मंदिर का इतिहास एवं चमत्कार आगर के उत्तर में श्री बैजनाथ नामक यह प्रसिद्ध एवं प्रचीन स्थान है यहाँ पहले कभी बेट खेड़ा नामक एक गाँव उपर पहाडी पर दक्षिण में बसा हुआथा उस गाँव में मोड़ जाति के वैश्यों की बस्ती अधिक थी मोड़ वैश्यों ने बैजनाथ महादेव के दर्शन किया था एवं मंदिर की नीव का मुहर्त माघ शुक्ला 4 स. 1585 वि (सन् 1528 ई.) को किय ओर सं. 1593 वि. (सन् 1536 ई.) में काम पुरा हुआ पहले यह मंदिर एक मठ के रुप में था मंदिर के पास ही एक छोटी नदी बहती है जिसे बाणगंगा नदी के नाम से जाना जाता है!
यहाँ शिवलिंग राजा नलकालीन भी माना जाता है। पहले यहाँ मंदिर छोटा एवं हिंगलाज माला मठ के रूप में जाना जाता था। प्रदेश के 51 वे जिले के रूप में अस्तित्व में आए आगर मालवा के इतिहास में उल्लेख है कि बैजनाथ महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार कर्नल मार्टिन ने वर्ष 1883 में 15 हजार रूपये का चंदा कर 11 हजार में मंदिर व 4 हजार रुपये उप मंदिरो का कार्य करवाया था। इस बात का शिलालेख भी मंदिर के अग्रभाग में लगा है। उत्तर एवं दक्षिण भारतीय कलात्मक शिल्प में निर्मित बैजनाथ महादेव को चमत्कारी देव माना जाता है।